रुद्रप्रयाग: तृतीय केदार तुंगनाथ भगवान के दर्शनों को पहुंच रहे श्रद्धालुओं से केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग पर्यटन के नाम पर शुल्क लिया गया है। मंदिर पहुंच रहे यात्रियों की चोपता में बाकायदा पर्ची काटी गई है। विभाग की कार्रवाई से स्थानीय कारोबारी, मंदिर के पुजारी व हक-हकूकधारियों ने रोष जताया है। साथ ही शासन-प्रशासन से शुल्क व्यवस्था तत्काल बंद करने की मांग की है।तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ विश्व में सबसे ऊंचा शिवालय है। अभी तक 850 श्रद्धालु आराध्य के दर्शन कर चुके हैं, लेकिन इन श्रद्धालुओं को चोपता से मंदिर पहुंचने के लिए वन विभाग को शुल्क देना पड़ा। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ने इन यात्रियों से पर्यटन के नाम पर पर्यटक शुल्क वसूल कर पर्ची काटी है। यह पहला अवसर है, जब वन विभाग यात्राकाल में तुंगनाथ मंदिर पहुंच रहे यात्रियों से इस तरह से शुल्क ले रहा है। रुड़की निवासी सनी, नई दिल्ली के अंकित सिंह और देहरादून के गुरुदीप सिंह का कहना है कि वह बीते 7 मई को तुंगनाथ गए थे। चोपता में वन विभाग के कर्मियों ने कहा कि उन्हें तुंगनाथ जाने के लिए प्रति व्यक्ति 150 रुपये शुल्क देना होगा।