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DevBhoomi Insider Desk
• Sat, 25 Jun 2022 7:00 pm IST

नेशनल

सुप्रीम कोर्ट में पूजा स्थल अधिनियम 1991 को चुनौती, कहा 'पूजा स्थलों और तीर्थों' को बचाने का छिन रहा अधिकार


सुप्रीम कोर्ट में पूजा स्थल अधिनियम, 1991 को चुनौती दी गयी है। एक जनहित याचिका में इस अधिनियम की वैधता पर सवाल उठाए गए हैं। पीआइएल में कहा गया है कि, यह कानून देश में आए बर्बर आक्रमणकारियों के अवैध रूप से बनाए गए 'पूजा स्थलों' को मान्य देने का काम कर रहा है। 

दरअसल पूर्व सांसद चिंतामणि मालवीय के वकील राकेश मिश्रा की तरफ से लगाई गयी याचिका में कहा गया है कि, पूजा स्थल अधिनियम, 1991 की धारा 3 अनुच्छेद 14, 15, 21, 25, 26, 29 का उल्लंघन कर रही है और असंवैधानिक है। अनुच्छेद 13 (2) राज्य को भाग- III के तहत दिए गए अधिकारों को छीनने के लिए कानून बनाने से रोकने में काबिल तो है। लेकिन ये अधिनियम हिंदुओं, जैन, बौद्ध और सिखों के उनके 'पूजा स्थलों और तीर्थों' को बचाने का अधिकार को छीनता है।

जनहित याचिका में ये भी कहा गया है कि, अनुच्छेद 29 के तहत गारंटीकृत हिंदुओं, जैनियों, बौद्धों, सिखों की लिपि और संस्कृति को बहाल करने और संरक्षित करने के अधिकार को अधिनियम के खुले तौर पर ठेस पहुंचाई गई है।