विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ के कपाट शीतकाल के छह माह के लिए बंद होते ही यात्रा पड़ाव स्थलों पर वीरानी छा गई है. स्थानीय व्यापार संघ ने शासन-प्रशासन से शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही यहां मठ-मंदिरों व झीलों को विकसित करने की मांग की है. ताकि यात्रा पड़ावों पर 12 महीनों रौनक बनी रह सके. गत 27 अक्टूबर को भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकाल के छह माह के लिए बंद हो गए थे जिसके बाद शनिवार को भोले बाबा अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हो गए थे.