जिलाधिकारी सौरभ गहरवार के निर्देशों पर एनआईसी कक्ष में सुरक्षित इंटरनेट दिवस के मौके पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें साइबर सुरक्षा को लेकर कई जरूरी जानकारियां दी गई। साथ ही लोगों को साइबर अपराध के प्रति सजग रहने की अपील की गई। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए जिला सूचना विज्ञान अधिकारी दीप्ति चमोली ने कहा कि आज के समय में साइबर अपराध के प्रति काफी सर्तक होने की जरूरत है। उन्होंने स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ ही विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों को सुरक्षित इंटरनेट उपयोग, साइबर ठगी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक और साइबर सुरक्षा से जुड़े विषयों की जानकारी दी। कहा कि आज के समय में इंटरनेट हमारी जीवनशैली का अभिन्न अंग बन चुका है, किंतु इसके सुरक्षित उपयोग को लेकर सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को इंटरनेट पर सुरक्षित सर्फिंग के गुर सिखाए। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में ऑनलाइन गेम्स के माध्यम से साइबर ठग बड़ी संख्या में बच्चों को अपने जाल में फंसा रहे हैं, जिससे वे न केवल आर्थिक नुकसान उठा रहे हैं, बल्कि मानसिक तनाव का भी शिकार हो रहे हैं। इस कारण कई बच्चे अपनी पढ़ाई से भी दूर हो रहे हैं। उन्होंने बच्चों को ऑनलाइन गेम्स से दूरी बनाए रखने की सलाह देते हुए कहा कि ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए किसी अनजान लिंक पर क्लिक न करें, अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत परिजनों या पुलिस को दें। उन्होंने बुजुर्गों और अभिभावकों के संबंध में भी साइबर अपराधों से बचाव के तरीके बताए गए। उन्होंने बताया कि साइबर ठग फेक कॉल, डिजिटल अरेस्ट, ई-बैंकिंग और अन्य डिजिटल माध्यमों से लोगों को ठगने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने विशेष रूप से यह चेतावनी दी कि फेक कॉल्स पर भरोसा न करें, किसी अज्ञात व्यक्ति को ओटीपी (ओटीपी) साझा न करें, डिजिटल अरेस्ट जैसी वीडियो कॉल्स पर तुरंत विश्वास न करें। यदि कोई संदिग्ध कॉल या मैसेज आए, तो तुरंत पुलिस या साइबर हेल्पलाइन से संपर्क करें। इस मौके पर जीजीआईसी रुद्रप्रयाग, जीआईसी रुद्रप्रयाग के छात्र-छात्राओं के साथ ही डीडीओ अनिता पंवार, ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर अमित रावत, एनआईसी रूम के अधिकारी, स्वान के अधिकारी मौजूद थे।