पर्यटन और तीर्थाटन प्रदेश के रूप में वैश्विक पटल पर पहचान बना रहे उत्तराखंड में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में लोग चारधाम समेत अन्य धार्मिक स्थलों व पर्यटक स्थलों का रुख करते हैं। यहां की सर्पीली, चढ़ाई व तेज ढलान वाली सड़कों से वे गंतव्य तक पहुंचते हैं।अन्य प्रदेशों से यहां आने वाले पर्यटकों के लिए इन सड़कों पर वाहन दौड़ाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। ऐसे में वाहन चालकों के लिए मददगार साबित होते हैं रोड मार्किंग (सड़क पर सफेद व पीली लाइन) और साइनेज (संकेतक)। सुरक्षित यातायात के लिए महत्वपूर्ण रोड मार्किंग व साइनेज के मामले में उत्तराखंड में सुस्ती ही नजर आती है।
स्थिति यह है कि राज्य में अभी तक 3852 किमी सड़कों पर संकेतक नहीं लगे हैं, जबकि 2929.88 किमी लंबी सड़कों पर सफेद व पीली लाइन नहीं खींची जा सकी है। अब वर्षाकाल में कई जगह सड़कें क्षतिग्रस्त होने से यह आंकड़ा और अधिक बढ़ने की संभावना है।