देहरादून: पूर्व सीएम हरीश रावत ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को लेकर धामी सरकार पर हमला बोला है. हरीश रावत ने कहा है कि उत्तराखंड से बड़े वादों में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का भी है. उन्होंने कहा कि जब गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया था, तब से यह ग्रीष्मकाल है. इन तीन सालों में गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाना तो छोड़िए, मुख्यमंत्री ने एक रात वहां बिताना भी मुनासिब नहीं समझा है.हरीश रावत ने कहा- 'सरकार के प्रतीक के रूप में वहां कोई बैठता नहीं है. 1 दिन भी रात रहकर वहां मंत्रिमंडल ने विचार-विमर्श नहीं किया है. मुख्य सचिव, प्रमुख सचिवगण वहां गये भी हैं, मैंने ऐसा कोई समाचार देखा नहीं है. इससे और बड़ा अपमान राज्य की जनता का उसके मान-सम्मान की प्रतीक विधानसभा के पटल का और क्या हो सकता है कि घोषणा ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की और एक के बाद एक ग्रीष्म काल बीत रहे हैं. मगर सरकार है कि उस घोषणा पर अमल करने को तैयार नहीं है. लोगों से कह रही है, भूल जाओ.मैंने भी तय किया है कि मैं इस सरकार को भूलने नहीं दूंगा. इनको याद दिलाने मैं 14 जुलाई, 2022 को क्योंकि 15 तारीख के बाद फिर ग्रीष्मकाल समाप्त हो जाएगा. 14 जुलाई को गैरसैंण जाऊंगा. सरकार के प्रतीक एक कार्यालय में सांकेतिक तालाबंदी कर उत्तराखंड के लोगों के आक्रोश को ध्वनि प्रदान करूंगा.