भगवान श्री कृष्ण के प्रिय महीने मार्गशीर्ष माह में सौभाग्य सुंदरी व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की तृतीय तिथि के दिन रखा जाता है। पंचांग के अनुसार इस वर्ष यह विशेष व्रत 11 नवंबर, शुक्रवार को रखा जाएगा। इस विशेष दिन पर माता पार्वती और भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। सौभाग्य सुंदरी व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं अपने परिवार के कल्याण के लिए और अखंड सौभाग्य के लिए यह व्रत रखती हैं। इस दिन पूजा-पाठ के साथ विशेष मंत्रों का जाप करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है।
करें इन मंत्रों का जाप
- ॐ उमामहेश्वराभ्यां नमःऊँ पार्वत्यै नमः।।
- ॐ साम्ब शिवाय नमः ॐ गौर्ये नमः।।
- देहि सौभाग्य आरोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
पुत्रान देहि सौभाग्यम देहि सर्व कामांश्च देहि मे।
रुपम देहि जयम देहि यशो देहि द्विषो जहि।।
माता पार्वती के मंत्र
- ॐ उमायै नम:।।
- ॐ पार्वत्यै नम:।।
- ॐ जगद्धात्र्यै नम:।।
- ॐ शांतिरूपिण्यै नम:।।
- ॐ शिवायै नम:।।
भगवान शिव के पूजा मंत्र
- ॐ हराय नम:।।
- ॐ महेश्वराय नम:।।
- ॐ शूलपाणये नम:।।
- ॐ पिनाकवृषे नम:।।
- ॐ शिवाय नम:।।
- ॐ पशुपतये नम:।।
सौभाग्य सुन्दरी व्रत का महत्व
शास्त्रों में बताया गया है कि अखंड औभाग्य की प्राप्ति के लिए सौभाग्य सुन्दरी व्रत को बहुत ही उत्तम माना जाता है। यह व्रत रखने से माता पार्वती सुहागिन महिलाओं को सौन्दर्य का आशीर्वाद देती हैं। साथ ही परिवार के कल्याण, धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। तीज के समान इस व्रत को भी महत्वपूर्ण माना जाता है।