स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक अक्सर खाने पीने को लेकर वर्षों से चली आ रही कई गलत अवधारणाओं को हम सही मान लेते हैं। ऐसे में आवश्यक है कि हमें सही जानकारी हो। आइए दूध पीने को लेकर वर्षों से चले आ रहे ऐसे ही कुछ मिथ और उनकी सच्चाई के बारे में जानते हैं...
गाय का दूध ही सबसे स्वस्थ और पौष्टिक होता है- अगर कोई आपसे कहे कि गाय का दूध ही एकमात्र स्वस्थ दूध का रूप है, तो इस बात को लेकर भ्रमित होने से बचिए। दूध के विभिन्न प्रकार जैसे जई का दूध, नारियल का दूध, सोया मिल्क आदि भी समान रूप से स्वस्थ और पौष्टिक माने जाते हैं। सोया मिल्क जैसे दूध के प्रकार को प्रोटीन का उत्कृष्ट स्रोत माना जाता है।
दूध पीने से कफ बनता है- यह एक आम, लेकिन गलत धारणा है कि दूध पीने से कफ बनता है। अध्ययनों से पता चलता है कि दूध की बनावट ऐसी होती है जिससे कुछ लोगों को यह महसूस हो सकता है कि इससे उनका लार गाढ़ा हो गया है, लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यह कफ पैदा करता है।
हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए दूध ही पूरी तरह जिम्मेदार है- यह दावा करना कि यह पूरी तरह से हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार है, एक पूर्ण मिथक है। विभिन्न प्रकार के खाद्य स्रोत जैसे पालक, बीन्स, नट्स, आदि शरीर को उतनी ही मात्रा में कैल्शियम प्रदान कर सकते हैं जितना कि कोई भी डेयरी उत्पाद करता है।