वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मानो सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी करके बहोत बड़ी गलती कर दी है। दरअसल सिब्बल की टिप्पणी से नाराज अखिल भारतीय बार एसोसिएशन का बयान सामने आया है।
टिप्पणी को लेकर बार ऐसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आदिश सी अग्रवाल ने कहा है कि उनका बयान कोर्ट की अवमानना है। सिब्ब्ल सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। ऐसे में उनका बयान दुर्भाग्यपूर्ण और अवमाननापूर्ण है। अगर अदालत ने विभिन्न मामलों में कपिल सिब्बल की पसंद का फैसला नहीं किया तो इसका मतलब यह नहीं है कि न्यायिक प्रणाली विफल हो गई है। उन्होंने कहा, सिब्बल न्याय व्यवस्था का एक अभिन्न अंग हैं, लेकिन अगर उन्हें वास्तव में अदालत से कोई उम्मीद नहीं है, तो वह अदालतों के सामने पेश न होने के लिए स्वतंत्र हैं।
यहां तक कि वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद महेश जेठमहानी का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, कपिल सिब्बल की टिप्पणी उन लोगों के छोटे समूह के लिए होगी, जो उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट उनके मुताबिक ही फैसला सुनाएगा। वह एक वरिष्ठ वकील हैं, मुझे आश्चर्य है कि उन्होंने ऐसी टिप्पणी की। जेठमलानी बोले कि, वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन संस्थान सम्मान देना चाहिए।
दरअसल, दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कपिल सिब्बल ने कहा था कि, अगर आपको लगता है कि, आपको सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलेगी, तो आप बड़ी गलती कर रहे हैं। मैं यह 50 साल की प्रैक्टिस के बाद कह रहा हूं। उन्होंने कहा, कोर्ट भले ही किसी मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाए, लेकिन उसकी जमीनी हकीकत बमुश्किल ही बदलती है। उन्होंने कहा, 50 सालों के बाद मुझे लगता है कि संस्थान से मुझे कोई उम्मीद नहीं है। सुप्रीम कोर्ट निजता पर फैसला देता और ईडी के अधिकारी आपके घर आते हैं... आपकी निजता कहां है?