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DevBhoomi Insider Desk
• Fri, 14 Oct 2022 7:04 pm IST

राजनीति

खड़गे के लिए गहलोत ने तोड़ी कांग्रेस की गाइडलाइन, थरूर ने जताया ऐतराज, पढ़िए पूरा मामला


चंडीगढ़: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद के उम्‍मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए पार्टी का प्रोटोकॉल तोड़ दिया। कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण की गाइडलाइन के अनुसार, गहलोत किसी भी उम्‍मीदवार का खुलकर समर्थन नहीं कर सकते हैं, बावजूद इसके उन्‍होंने खड़गे के लिए वोट मांगे।

मुख्यमंत्री गहलोत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करके पार्टी कार्यकर्ताओं से कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर मल्लिकार्जुन खड़गे को वोट देने की अपील की। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष वो हो, जो अनुभव के साथ संगठन, नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ संपर्क रखता हो। उसकी हैसियत ऐसी हो, जो तमाम विपक्षी दलों से बातचीत कर सकता हो। केंद्र सरकार और बीजेपी से अब सब दलों को मिलकर संघर्ष करना है। अध्यक्ष ऐसा व्यक्ति बने, जो सबको साथ लेकर चलने की क्षमता रखता हो। खड़गे की योग्यता देखकर हम उनके प्रस्तावक बने। मैं उम्मीद करता हूं जो भी डेलीगेट हैं, वो भारी बहुमत से मल्लिकार्जुन खड़गे को कामयाब करेंगे। कामयाब होने के बाद वो हम सबका मार्गदर्शन करेंगे। यह मेरी सोच है, मेरी शुभकामनाएं हैं, खड़गे भारी मतों से कामयाब हों।

30 सितंबर को जारी की गई थी गाइडलाइन

कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण की गाइडलाइन के मुताबिक, कोई नेता पद पर रहते हुए किसी प्रत्‍याशी का प्रचार नहीं कर सकता। प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने 30 सितंबर को ही सात बिंदुओं की गाइडलाइन जारी की थी। इसके अनुसार कांग्रेस के प्रभारी महासचिव, प्रभारी सचिव, राष्ट्रीय पदाधिकारी, विधायक दल के नेता, पार्टी के प्रवक्ता अध्यक्ष पद के किसी प्रत्‍याशी का पद पर रहते हुए प्रचार नहीं कर सकते। अगर उन्हें किसी प्रत्‍याशी का प्रचार करना है तो पहले उन्हें पद छोड़ना होगा। राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत कांग्रेस विधायक दल के नेता हैं और ऐसे में वह पार्टी गाइडलाइन के अनुसार खड़गे का प्रचार नहीं कर सकते हैं।

थरूर ने जताई थी नाराजगी

वहीं, भोपाल पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्‍मीदवार शशि थरूर ने अशोक गहलोत के खड़गे के पक्ष में प्रचार करने पर ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चुनाव आयोग के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री को देखना चाहिए कि कहां गलत हो रहा है। वह इसके हिसाब से कार्रवाई करें। इससे पूर्व थरूर ने गुरुवार को ही आरोप लगाया था कि राज्यों में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और पदाधिकारी खड़गे को ज्यादा महत्व दे रहे हैं। थरूर ने लेवल प्लेइंग फील्ड नहीं देने पर सवाल उठाए थे।

प्राधिकरण दे सकता है नोटिस  

उधर, अध्यक्ष चुनाव में अशोक गहलोत मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावक बने थे, इसलिए कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग का तर्क है कि ऐसा करना गलत नहीं है। बावजूद इसके केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण की गाइडलाइन में प्रस्तावक को पद पर रहते हुए प्रचार करने की छूट का जिक्र नहीं है। अब इस मामले में चुनाव प्राधिकरण की प्रतिक्रिया का इंतजार है। अगर शशि थरूर या कोई नेता शिकायत करता है तो गाइडलाइन के उल्लंघन पर एक्शन लिया जा सकता है और प्राधिकरण नोटिस दे सकता है।