18-19 अक्टूबर को कुमाऊं में आई आपदा हजारों लोगों को कभी न भूल पाने वाला जख्म दे गयी। रातभर हुई बारिश से घर मलबे में दब रहे थे। नदी के किनारे बने घर जल समाधि ले चुके थे। कुमाऊं में हर तरफ चीख-पुकार मची थी। जिस के चलते आपदा ने अबतक 389 लोगों के सपनों पर कहर बरपाया। नौबत यह है कि घर टूटने के बाद यह लोग अब दूसरों की मदद पर निर्भर हैं। सरकार व सामाजिक संस्थाओं की ओर से इनके रहने की अस्थायी इंतजाम किए गए हैं।लोगों को बचाने के लिए पुलिस व एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डोगरा रेजिमेंट के जवानों ने ताकत झोंक दी।