निर्माणाधीन पेयजल योजनाओं में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों के दाम बढ़ने से ठेकेदार भी परेशान हैं। उन्होंने पेयजल निर्माण निगम के एसई से जल जीवन मिशन कार्यक्रम के तहत गठित अनुबंध के तहत उनकी विभागीय दरों को स्थानीय बाजार की तर्ज पर दरों को बढ़ाने की मांग की।
ठेकेदारों ने एसई को बताया कि जल जीवन मिशन योजना के तहत बन रहीं पेयजल योजनाओं का निर्माण कार्य बढ़ती महंगाई में करना मुश्किल हो गया है। लगातार रेत, बजरी, रोड़ी, सरिया, पाइप आदि जरूरी सामान के दाम बढ़कर आसमान पहुंच चुके हैं। पूर्व में जल जीवन मिशन कार्यक्रम के तहत जो अनुबंध हुए थे और जिनके कार्य हो रहे हैं उनकी विभागीय दरें वर्तमान स्थानीय बाजार की दर पर बढ़ाई जाएं। योजना में इस्तेमाल किए जाने वाले रेत, बजरी, सीमेंट, रोड़ी, सरिया पाइप और अन्य सामान की विभागीय दरों में 30 प्रतिशत की वृद्धि की जाए। उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर उत्तराखंड में भी रियायत देने की मांग की। उन्होंने योजना पर थर्ड पार्टी जांच के नाम पर रोकी जाने वाली 25 फीसदी राशि को पूर्व की भांति 10 प्रतिशत करने की मांग की। ठेकेदारों ने केंद्र सरकार के शासनादेश के अनुसार उत्तराखंड पेयजल निगम में 31 मार्च 2023 तक सिक्योरिटी तीन फीसदी करने और अनबैलेंस सिक्योरिटी पर भी छूट मांगी। उन्होंने निविदा के साथ दी जाने वाली प्रतिभूति पर अन्य राज्यों के समान पेयजल निगम में छूट प्रदान करने की मांग की है। इस मौके पर चंदन सिंह बिष्ट, होशियार सिंह भंडारी, देव सिंह चौहान, भास्कर सिंह बिष्ट आदि मौजूद रहे।