कैबिनेट मंत्री रहे यशपाल आर्य और उनके पुत्र विधायक संजीव आर्य की कांग्रेस में वापसी से लगे झटके के बाद भाजपा नेतृत्व अब चौकन्ना हो गया है। चर्चा है कि कांग्रेस के एक विधायक व एक पूर्व मंत्री भाजपा के संपर्क में हैं, जिन्हें पार्टी में शामिल कराकर भाजपा इसकी भरपाई की कोशिश करेगी। इसके साथ ही पार्टी में कांग्रेसी पृष्ठभूमि के अन्य विधायकों को लेकर भी नेतृत्व सतर्क हुआ है।
उत्तराखंड में वर्ष 2014 से 2019 तक हुए लोकसभा, विधानसभा चुनावों में भाजपा अजेय रही है। अब जबकि आगामी विधानसभा चुनाव में उसके सामने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव जैसा प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है तो उसने पार्टी में सभी के लिए दरवाजे खोल दिए। इस कड़ी में हाल में ही पुरोला से कांग्रेस विधायक राजकुमार और निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार (धनोल्टी) व राम सिंह कैड़ा (भीमताल) ने भाजपा का दामन थामा। इसे कांग्रेस के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा गया।