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DevBhoomi Insider Desk
• Mon, 20 Dec 2021 8:47 pm IST


गमों को दौर में जी भर के मुस्कुराना है


व्याख्या जनजागृति संस्कृतिक संगीत एवं नाट्य समिति के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय शरद महोत्सव मेले के दूसरे दिन कार्यक्रम का शुभारंभ कांग्रेस प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष भुवन कापड़ी, लक्ष्मीकांत लोहनी, शंकर सिंह खड़का, अशोक खड़का, राजेंद्र अधिकारी ने किया। कार्यक्रम में क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों के बच्चों एवं स्थानीय कलाकारों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर समां बाधा। तराई बीज विकास निगम के मैदान में आयोजित कार्यक्रम का दूसरा दिन गंगा जमुनी की तर्ज पर कवियों का रहा। रातरतन यादव ने ‘गमो के दौर में जी भर के मुस्कराना है’, त्रिलोक जोशी ने ‘है नशा बेकार सुनो रे सुनो भैया’, आकाश प्रभाकर ने ‘कश्मीर घाटी का केसन बनना पड़ता है’, राज सक्सेना ने ‘लिखी जिसने मुकद्दर की इबारत हाथ से अपने’, डॉ.जगदीश पंत ने ‘जहर का प्याला ही हर दौर में मिलता है’, राधा तिवारी राधे गोपाल ने ‘आज फिर महके फिजाएं, आज सब गुलजार होगा’, सुचिता अजय श्रीवास्तव ने ‘भारत मां के वीरों को नमन सौ बार’, विपिन जोशी ने ‘दो दिल मिल गए तो दिल’, बसंती सामंत ने ‘क्या सुनाएं क्या सुनाएं क्या दिखाएं बेबसी अपनी’ की प्रस्तुति दी। कवि सम्मेलन का संचालन ओंकार सिंह ने किया।