उत्तराखंड जन विकास सहकारी समिति के महासचिव जगदीश भट्ट ने नए सदस्यों के साथ बैठक कर समिति की भावी योजनाओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर उत्तराखंड का निर्माण तभी संभव है जब प्रदेशवासियों को क्षेत्र में रहकर रोजगार प्राप्त होगा। लघु एवं कुटीर उद्योगों के लिए उचित व्यवस्था मिलनी चाहिए, ताकि रोजगार व स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जा सके।
शनिवार को आनलाइन माध्यम से हुए संवाद में उन्होंने कहा उत्तराखंड के पास पर्याप्त जल, भू एवं वन संपदा है। साथ ही बर्फीले पहाड़, चार धाम, अन्य धार्मिक एवं तीर्थ स्थल हैं। हमें अपने संपदा को संरक्षित रखते हुए भविष्य का निर्माण करना है। दुग्ध उद्योग के लिए पशुपालन को और अधिक बढ़ावा दिया जा सकता है। इसके लिए उत्तराखंड को एक केंद्र के रूप में विकसित करना होगा। पहाड़ की बदरी नस्ल की गाय, भैंस एवं बकरी प्राकृतिक चारा खाकर गुणवत्तापरक उत्पाद प्रदान करते हैं। इन उत्पादों की बाजार में खासी डिमांड है। इस उद्योग में पहाड़ की महिलाओं के लिए स्वरोजगार का बेहतर साधन साबित हो सकता है। मीट और अंडा कारोबार में भी खासी संभावनाएं हैं। ऐसे में सहकारिता के माध्यम से उक्त क्षेत्रों को बढ़ावा देने और युवाओं व महिलाओं को रोजगार मुहैया कराने के प्रयास किए जाने चाहिए।