हरिद्वार। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने जिला गंगा संरक्षण समिति, हरिद्वार के सदस्यों के साथ कस्साबान नाला, सीवरेज पम्पिंग स्टेशन ज्वालापुर, पाण्डेवाला नाला स्थित पम्पिंग स्टेशन तथा सुभाषनगर स्थित नाले आदि का स्थलीय निरीक्षण किया।
मोहल्ला कस्साबान नाले पर उन्होंने सीवेज स्टेशन का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने पम्पिंग स्टेशन की व्यवस्थाओं की जानकारी जिलाधिकारी को दी। उन्होंने बताया कि जो कूड़ा आता है, वह मैनुअली इकट्ठा होता है, उसके बाद पाइप के माध्यम से सराय ट्रीटमेंट प्लांट जाता है। उन्होंने बताया कि आसपास के इलाके के 69 ऐसे प्वांइण्ट चिह्नित किये गये हैं, जो गन्दगी फेला रहे हैं, जिन्हें टैप करने के लिये डी0पी0आर0 शासन को प्रस्तुत कर दी गयी है।
जिलाधिकारी ने कस्साबान नाले का निरीक्षण किया तथा नगर निगम के अधिकारी व खाद्य सुरक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि वे डोर-टू-डोर कलक्शन करना सुनिश्चित करें ताकि कूड़ा नाले में न आने पाये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जहां-जहां आवश्यकता है, वहां-वहा कूड़ादान स्थापित करें। उन्होंने नगर निगम को ये भी निर्देश दिये कि वे पहले गन्दगी वाले स्थानों की सफाई करायें तथा ऐसे स्थलों में सी0सी0 टी0वी0 कैमरा स्थापित करें तत्पश्चात अगर कोई कूड़ा डालते हुये पाया जाता है, तो कैमरे की फोटो के आधार पर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। जिलाधिकारी को बताया गया कि जहां से नाला पम्पिंग स्टेशन के लिये डायवर्ट किया गया है, वह कभी-कभी ओवरफ्लो हो जाता है, जिससे गन्दगी गंगा में चली जाती है। इस पर जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग को सात दिन के भीतर डायवर्जन के पास जाली लगाने के निर्देश दिये।
पम्पिंग स्टेशन के पीछे घाट में रेलिंग लगाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने कहा कि पूरी एरिया का चिह्नीकरण करा लिया जाये।
इसके पश्चात जिलाधिकारी पाण्डेवाला स्थित पम्पिंग स्टेशन पहुंचे, जहां उन्होंने निरीक्षण के दौरान सिंचाई विभाग के अधिकारियों को पम्पिंग स्टेशन के पास जमे मलबे को जल्दी से जल्दी साफ करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिये कि जहां-जहां पर अतिक्रमण हुआ है, उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करें अन्यथा की स्थिति में अतिक्रमण करने वाले के साथ-साथ अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी।
सुभाषनगर स्थित नाले पर पहुंचकर उन्होंने अधिकारियों से नाले में सीवेज टैप होने के सम्बन्ध में जानकारी ली तो अधिकारियों ने बताया कि सीवेज टैप करने के लिये प्रस्ताव भेजा गया है। जिलाधिकारी को बताया गया कि इसमें रसायनयुक्त पानी भी आता है। इस पर जिलाधिकारी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को गंगा समिति के सदस्यों को साथ लेकर पानी के सैम्पिल लेने के निर्देश दिये।
निरीक्षण के दौरान डीएफओ नीरज कुमार, एमएनए जय भारत सिंह, अधिशासी अभियंता जलसंस्थान अजय कुमार, अधिशासी अभियन्ता सिंचाई डी0के सिंह, बीइंग भागीरथ संस्था के संस्थापक शिखर पालिवाल, रामेश्वर गौड़ सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।