मानसून सत्र के पहले हफ्ते में राज्यसभा में मात्र 26.9 फीसदी ही कामकाज हो सका। हर दूसरे मुद्दे पर हंगामों हो रहा था। जिसके बाद सदन को स्थगित कर दिया गया। 13 घंटे 28 मिनट का कीमती समय खत्म कर दिया गया।
हंगामें के कारण शुरुआती 3 दिन सदन की कार्यवाही मात्र एक घंटे 16 मिनट यानी 76 मिनट ही चल सकी। हालांकि हफ्ते के अंतिम दो दिनों बृहस्पतिवार और शुक्रवार को कामकाज में सुधार हुआ और इस दौरान सदन की कार्यवाही 5 घंटे 31 मिनट तक चली।
बता दें कि, मानसून सत्र के पहले हफ्ते में सदन को 18 घंटे 44 मिनट कामकाज के लिए तय किए गए थे। लेकिन सदन का कीमती वक्त व्यवधान और जबरन स्थगन के चलते खराब हो गया। इस दौरान केवल शुक्रवार को ढाई घंटे की चर्चा हुई जो कि पूरे सप्ताह में सदन के कामकाज के कुल कार्यात्मक समय का 37 फीसदी हिस्सा रहा। इसमें स्वास्थ्य के अधिकार पर निजी सदस्य के विधेयक पर सदस्यों ने चर्चा की।
पहले सप्ताह में लिस्टेड 75 में से 22 प्रश्नों के सदन में मौखिक जवाब दिए गए। सांसदों ने प्राइवेट मेंबर दिवस के दिन 9 निजी विधेयक पेश किए।