पर्यावरण को दूषित करने में हम इंसानों का सबसे बड़ा हाथ है। अपनी लग्जरी के लिए प्रकृति के साथ खिलवाड़ करके हम न केवल मनुष्य प्रवृत्ति को दर्शा रहे हैं जबकि हम यह भी साबित कर रहे हैं कि हमको आखिर अपने आसपास के पर्यावरण की कोई चिंता नहीं है। आज सड़कों पर कितनी गाड़ियां दौड़ती हैं, मगर उनके धुंए से हमारे वातावरण को किस हद तक नुकसान हो रहा है इसका अंदाजा लगाना भी हमारे लिए नामुमकिन है और। यह बात धीरे-धीरे सामने आती रही है। प्रकृति तेजी से बदल रही है, पर्यावरण दूषित हो रहा है और जगह-जगह हवा दूषित हो रही है। ऐसे में इलेक्ट्रिक बसों और गाड़ियों का आविष्कार किसी वरदान से कम नहीं है। जी हां, बिजली से चलने वाली गाड़ियां और वाहन पर्यावरण फ्रेंडली होने के साथ ही प्रकृति को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाते।