बसपा सुप्रीमो मायावती देर से ही सही, लेकिन प्रचार के लिए निकल पड़ी हैं। आगरा में 2 फरवरी को पहली रैली के बाद से अब वह लगातार मिशन पर हैं। 3 फरवरी को मायावती गाजियाबाद में थीं तो शुक्रवार को अमरोहा में रैली को संबोधित किया। इस दौरान मायावती ने यूं तो सभी दलों पर हमला बोला, लेकिन जिस मुखरता से वह सपा पर अटैक करती दिखी हैं, उससे संदेश साफ है कि वह दलितों और अति-पिछड़ों को उसके पाले में नहीं जाने देना चाहतीं। खासतौर पर अति पिछड़े वर्ग के मतदाताओं को लेकर यह संभावना जताई जा रही थी कि यह सपा के पाले में जा सकता है। लेकिन मायावती के रवैये ने अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।