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Rashmi Panwar
• Tue, 22 Dec 2020 6:30 pm IST


सिसोदिया और कौशिक आमने सामने, अब खुली बहस का इंतजार


देहरादून। आम आदमी पार्टी की उत्तराखंड में सियासी जमीन तलाशने की कोशिश का क्या नतीजा रहता है यह तो समय ही बताएगा, लेकिन आप नेतृत्व के बढ़ते दौरों ने सत्तासीन भाजपा को असहज करना शुरू कर दिया है। हाल ही में उत्तराखंड दौरे से लौटे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रदेश की सियासत को गरमा दिया है। सिसोदिया के त्रिवेंद्र सरकार के कामकाज पर उठाये सवालों के बाद भाजपा ने उन्हें बहस की खुली चुनौती दे डाली। भाजपा के नेता और मंत्री मदन कौशिक ने सीएम  त्रिवेंद्र पर हुए हमले के बाद उनकी ढाल बनकर सिसोदिया को बहस के लिए ललकारा। सिसोदिया ने भी कौशिक की चुनौती को खुले दिल से स्वीकार कर उनसे आमने सामने बहस के लिए समय और तारीख मांग ली। सिसोदिया ने कहा कि कौशिक जब उन्हें बुलाएं वह उत्तराखंड आकर उनसे हर विषय पर चर्चा करेंगे। त्रिवेंद्र सरकार के चार साल के कामकाज का हिसाब जनता के सामने रखा जाएगा।

सिसोदिया के पलटवार के बाद अब गेंद कौशिक के पाले में हैं। अब कौशिक को तय करना है कि खुली बहस के लिए कौन सी तारीख तय करते हैं। कौशिक के पास यह मौका भी है कि विपक्ष के लगाए जा रहे आरोपों पर असल सच्चाई जनता के बीच लाएं। अगर कौशिक इसमें कामयाब होते हैं तो यह केवल आप के लिए अन्य  विपक्षी दलों के लिए सबक होगा। सरकार के कामकाज और उसकी उपलब्धियों को जनता के बीच पहुंचाने का यह बेहतरीन मौका कौशिक के पास है। सिसोसिया और कौशिक के बीच खींची तलवार से आने वाले दिनों में प्रदेश की सियासत में हलचल औऱ तेज होना तय है। वहीं भाजपा अगर सिसोदिया के उठाये मुद्दों को केवल बयान मात्र से खारिज करने की कोशिश करेगी तो आप इसका चुनावी फायदा लेने से भी नहीं चूकेगी।