Read in App

Rajesh Sharma
• Wed, 11 Aug 2021 10:25 pm IST


जिस घौंसले से भरी थी उड़ान वहीं नायिका बनकर लौटी वंदना


हरिद्वार । रोशनाबाद गांव में अपने घर के पास ही बने जिला क्रीड़ा स्टेडियम से कभी वंदना कटारिया ने हॉकी की स्टिक पकड़कर खेलना शुरू किया था उस समय किसी को अंदाजा भी नहीं था कि यह नन्ही सी बिटिया एक दिन इसी स्टेडियम में दुनियाभर की स्टार बनकर लौटेगी जहां से उसने खेल शुरू किया था।  
पिता की प्रेरणा से वंदना कटारिया ने जिस स्टेडियम में पहली बार हाथों में हॉकी पकड़ी थी उसी स्टेडियम में आज वह सभी की आंख का तारा बनी हुई थी बड़ी स्टार खिलाड़ी के रूप में वंदना कटारिया का यहां जिला प्रशासन और सरकार के नुमाइंदों ने ऐसा स्वागत किया कि लाडली बेटी को सर आंखों पर बिठा लिया । पिता को याद करते हुए भावुक हो गई वंदना ने कहा कि पिता की प्रेरणा से ही वह आज इस मुकाम तक पहुंची है पिता का सपना था कि ओलंपिक में भारतीय टीम को मेडल जीता कर लाना है लेकिन वह सपने के बेहद करीब पहुंची और अंतिम समय तक अपने पिता के सपने के लिए लड़ती रही।