पौड़ी: गढ़वाल केंद्रीय विवि के पर्वतीय पर्यटन एवं आतिथ्य विभाग की ओर से बदरी-केदार मंदिर समिति के अतिथिगृहों एवं कार्यालयों में कार्यरत प्रबंधक एवं कर्मचारियों के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। पहले दिन कर्मियों को अतिथि देवो भव: की धारणा पर काम करने और बदलते परिवेश में कार्यशैली में बदलाव लाने का सुझाव दिया गया।बृहस्पतिवार को प्रबंधन एवं कार्यकुशलता विकास पर शुरू हुई कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि उत्तराखंड संस्कृत विवि के कुलपति प्रो. देवी प्रसाद त्रिपाठी ने उत्तराखंड के धार्मिक तथा सांस्कृतिक पर्यटन को तीर्थाटन का महत्वपूर्ण अंग बताया। कहा कि प्रदेश में तीर्थाटन ओर पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, जो कि विश्व के लिए प्रेरणा का स्रोत है।