फेमस राइटर पाउलो कोएल्हो ने अपने बेस्टसेलर उपन्यास अल्केमिस्ट में लिखा है, जब आप किसी चीज को पूरी शिद्दत से चाहते हैं, तो सारी कायनात आपको उससे मिलाने में जुट जाती है। पाउलो कोएल्हो की इस बात ने लाखों लोगों के सपनों को न सिर्फ जिंदा ही रखा है बल्कि उसे हासिल करने में प्रेरणा का काम किया। कुछ ऐसा ही उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की रहने वाली आकांक्षा गुप्ता के साथ भी हुआ। आकांक्षा ने यूपी पीसीएस 2022 में चौथी रैंक हासिल कर अपने सपने को पूरा किया। हालांकि इसके लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा।
दूसरे राज्य से आना और शीर्ष रैंक हासिल करते हुए यूपी पीसीएस परीक्षा पास करना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है और देहरादून की आकांक्षा ने ये उपलब्धि सिर्फ इसलिए हासिल कर ली क्योंकि उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य पर डटी रहीं। लगातार मिल रही असफलता के बाद भी आकांक्षा अपने इरादे टस से मस नहीं हुई वे अपना बेस्ट देती रहीं और छह साल के लंबे वक्त के बाद सफलता हासिल कर ली।
आकांक्षा गुप्ता ने सिविल सेवा परीक्षा के लिए कभी भी किसी कोचिंग का सहारा नहीं लिया और न ही उन्होंने कभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से दूसरी बनाई। आकांक्षा कहती हैं कि पिछले छह साल के उतार-चढ़ाव भरे अनुभव से उन्हें भाग्य पर विश्वास होने लगा है। वे कहती हैं कि पिछले साल के एक्जाम के वक्त उन्हें उम्मीद थी कि वे यूपी पीसीएस पास कर लेगी क्योंकि वह इतना अच्छा गया था कि रैंक आने की सोचने लगी थीं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ लेकिन इस बार जब कम उम्मीद थी तो एक्जाम पास भी हुई और रैंक भी आई।