नैनीताल। नैनीताल की झील में मछलियों को खाद्य सामग्री खिलाना कहीं महंगा न पड़ जाए। विशेषज्ञों के अनुसार झील में ब्रेड और अन्य खाद्य सामग्री डालने से झील का पारिस्थितिकी तंत्र बिगड़ रहा है। साथ ही झील के पानी में ऑक्सीजन की कमी भी हो रही है। इसके बाद भी रोजाना सैकड़ों लोग झील में मछलियों को खाद्य पदार्थ डाल रहे हैं। वहीं प्रशासन की ओर से अब तक इस ओर ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
नैनीझील के चारों ओर पालिका की ओर से झील में मछलियों को चारा या खाद्य सामग्री डालना मना है के बोर्ड लगाए गए हैं। इसके बाद भी पर्यटक और स्थानीय लोग मछलियों को चारा डाल रहे हैं। सीआरएसटी के जीव विज्ञान प्रवक्ता कमलेश पांडे ने बताया कि झील में मछलियों के लिए प्राकृतिक रूप से भरपूर मात्रा में सैवाल, सूक्ष्म जीव व सूक्ष्म पादप उपलब्ध रहते हैं लेकिन आर्टीफिशियल खाद्य सामग्री डालने से मछलियां प्राकृतिक भोजन को खाना छोड़ रही हैं, जिससे झील का पारिस्थितिकी तंत्र बिगड़ रहा है। साथ ही झील के पानी में ऑक्सीजन की कमी भी हो रही है। इससे झील के पानी में कई तरह के संक्रमण फैल सकते हैं। और झील का पानी अनुपयोगी हो सकता है। बताया कि पहले से ही झील में आक्सीजन की कमी पूरी करने के लिए एरिएशन प्लांट से झील में ऑक्सीजन की पूर्ति की जा रही है।