हरिद्वार। समाजवादी युवजन सभा के राष्ट्रीय सचिव आशीष यादव ने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में देश भर के किसानों के आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री को कानून वापस लेने की घोषणा करनी पड़ी। किसानों के एकजुट संघर्ष के सामने सरकार को झुकना पड़ा और प्रधानमंत्री को सरकार व भाजपा द्वारा सही ठकराए जा रहे कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करनी पड़ी। लगभग एक वर्ष तक चले किसान आंदोलन में सैकड़ों किसानों की जान चली गयी। आशीष यादव ने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी पर विश्वास नहीं किया जा सकता है। प्रधानमंत्री की कानून वापस लने की घोषणा के बाद जिस प्रकार भाजपा के बड़े नेता कानून दोबारा लाने की बात कह रहे हैं। उसे देखते हुए प्रधानमंत्री घोषणा पर संशय खड़ा हो गया है। किसानों को इस संबंध में सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश सहित सभी पंाच राज्यों में हो रहे चुनाव में हार की संभावना को देखते हुए कानून वापस लेने की घोषणा की है। इस संबंध में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पहले ही अंदेशा जता दिया था कि केंद्र सरकार कृषि कानून चुनाव के बाद फिर लागू कर सकती है। भाजपा नेताओं के बयानों से यह अंदेशा सही साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सभी वर्गो का विश्वास खो चुकी है। यूपी के विधानसभा चुनाव में सपा भारी जीत हासिल कर सरकार बनाएगी। आशीष यादव ने मांग करते हुए किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिवारों को एक करोड़ रूपए मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए।