DevBhoomi Insider Desk • Wed, 2 Feb 2022 7:00 am IST
उत्तराखंड के चुनाव में आपदा नहीं बन पाई बड़ा मुद्दा
विषम भूगोल वाला उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। साल दर साल प्राकृतिक आपदाओं में बड़े पैमाने पर जान-माल को नुकसान पहुंच रहा है। पिछले सात साल के आंकड़ों पर ही नजर दौड़ाएं तो इस अवधि में प्राकृतिक आपदाओं ने 794 व्यक्तियों की जान ले ली। 13 हजार से अधिक घर ध्वस्त हुए तो पशुधन और खेती को भी बड़े पैमाने पर क्षति पहुंची। प्रदेशभर में 400 से अधिक आपदा प्रभावित गांवों के लोग हर समय दहशत के साये में जी रहे हैं, जिन्हें पुनर्वास की प्रतीक्षा है। उस पर आपदा प्रभावितों के विस्थापन एवं पुनर्वास की तस्वीर देखें तो वर्ष 2011 से अब तक 85 गांवों के 1458 परिवारों का ही विस्थापन हो पाया है। इस सबके बावजूद चुनावों में आपदा मुद्दा नहीं बन पाया है। यद्यपि, सभी राजनीतिक दल इस विषय पर दावे भी करते हैं, लेकिन उनकी वास्तविकता किसी से छिपी नहीं है। अब जबकि विधानसभा चुनाव की बेला में सभी दल जनता की चौखट पर हैं तो उन्हें आपदा को लेकर सवालों से दो-चार होना ही पड़ेगा।