उत्तराखंड बनने के दो दशक बाद भी भौंती गांव सड़क से नहीं जुड़ पाया है, जबकि वर्ष 2014 में तत्कालीन सीएम ने गांव को सड़क से जोड़ने की घोषणा की थी। जो आज तक परवान नहीं चढ़ पाई।
यमुनाघाटी का भौंती गांव में करीब 70 परिवार निवास करते हैं। गांव के सड़क से नहीं जुड़ा होने के कारण ग्रामीण आज भी पांच किमी पैदल दूरी तय कर गांव पहुंचते हैं। वहीं बीमार व्यक्ति और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाने में ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वर्ष 20014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भौंती गांव के लिए छह किमी सड़क की घोषणा की थी, जो आज तक परवान नहीं चढ़ पाई है। सड़क सुविधा न होने से ग्रामीण अपनी जरूरत की वस्तुओं को घोड़े-खच्चरों या फिर पीठ पर रख कर गांव पहुंचाते हैं।