रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानि डीआरडीओ और भारतीय नौसेना ने जमीन से हवा में मार करने वाली ' वर्टिकली शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल' (VL-SRSAM) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
ओडिशा के चांदीपुर तट पर भारतीय नौसेना के जहाज से डीआरडीओ और भारतीय नौसेना ने वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल का परीक्षण किया। डीआडीओ के अधिकारियों ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि, VL-SRSAM को भारतीय नौसेना के लिए स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है। ये मिसाइल लगभग 15 किमी की दूरी पर स्थित दुश्मन के टारगेट को तबाह करने की क्षमता रखती है।
बताया जा रहा है कि, VL-SRSAM मिसाइल के परीक्षण का मुख्य उद्देश्य भारतीय नौसेना के युद्धपोतों पर इसकी तैनाती करना है। इस मिसाइल को डीआरडीओ की 3 सुविधाओं ने संयुक्त रूप से डिजाइन और विकसित किया है। मिसाइल में समुद्री-स्किमिंग लक्ष्यों समेत निकट सीमा पर विभिन्न हवाई खतरों को बेअसर करने की क्षमता है। ये मिसाइल समुद्र की सतह के बेहद करीब से उड़ान भरती हैं और इस तरह इनका पता लगाना और बेअसर करना मुश्किल होता है।
VL-SRSAM के डिजाइन की बात करें तो इस मिसाइल को 40 से 50 किमी की दूरी पर और लगभग 15 किमी की ऊंचाई पर हाईस्पीड वाले हवाई लक्ष्यों पर हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसका डिजाइन एस्ट्रा मिसाइल पर आधारित है जो कि एक विजुअल रेंज से परे हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है।
VL-SRSAM मिसाइल में 2 खूबियां हैं, जो कि क्रूसिफॉर्म विंग्स और थ्रस्ट वेक्टरिंग है। क्रूसिफॉर्म में पंख चार छोटे पंख होते हैं जो चारों तरफ एक क्रॉस की तरह व्यवस्थित होते हैं और प्रक्षेप्य को एक स्थिर मुद्रा देते हैं। वहीं थ्रस्ट वेक्टरिंग अपने इंजन से कोणीय वेग और मिसाइल को नियंत्रित करने वाले थ्रस्ट की दिशा बदलने में मदद करता है।