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• Sun, 14 Mar 2021 11:22 am IST


त्रिवेंद्र के दो बड़े फैसले पलटने की तैयारी में हैं सीएम तीरथ


देहरादून। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के दो बड़े फैसले मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पलटने की तैयारी में हैं। देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड और गैरसैंण को कमिश्नरी बनाने का फैसला तीरथ सरकार पलट सकती है। त्रिवेंद्र अपनी इन दोनों फैसलों को अपने चार साल की बड़ी उपलब्धियों में गिना रहे थे, लेकिन तीरथ सरकार ने दोनों पर पुनर्विचार के संकेत दे दिये हैं। इससे साफ है कि त्रिवेंद्र के इन फैसलों से न केवल प्रदेश भाजपा बल्कि केंद्रीय नेतृत्व को भी कुछ आपत्तियां रही होंगी। 

देवस्थानम बोर्ड गठन से स्थानीय लोगों में है नाराजगी

चारधाम और उनसे जुडे मंदिरों की व्यवस्थाओं को लेकर त्रिवेंद्र सरकार पूर्व में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम लेकर आई थी। इसके तहत देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड का गठन किया गया है और उसने व्यवस्थाएं अपने हाथ में ले ली हैं। हालांकि, अधिनियम का शुरू से ही चारधाम के हक-हकूकधारी लगातार विरोध करते आ रहे हैं। गंगोत्री में तो अभी भी विरोध प्रदर्शन का सिलसिला जारी है। हक-हकूकधारियों का कहना है कि यह अधिनियम उनके हितों पर कुठाराघात है। यही नहीं, जब यह अधिनियम लाया गया और बोर्ड का गठन किया गया तो तब भी उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया। सीएम तीरथ का कहना है कि पंडा समाज के साथ ही चारधाम के हक-हकूकधारियों की जल्द ही बैठक बुलाकर उनकी भावनाओं को जाना जाएगा। दूरी न बनाते हुए उनकी बात सुनी जाएगी और फिर आगे निर्णय लिया जाएगा।

कई सांसद और विधायक हैं कमिश्नरी गठन से नाराज

पूर्व सीएम के गैरसैंण को कमिश्नरी बनाने के फैसले से कई सांसद और विधायक नाराज थे। इन्होंने अपनी नाराजगी तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र को बताई, लेकिन उन्होंने सब को अनसुना किया। सांसद अजय भट्ट और अजय टम्टा कमिश्नरी में अल्मोड़ा जैसा बड़ा जिला शामिल करने के पक्ष में नहीं थे। वहां के स्थानीय विधायक भी इससे नाराज थे। यह मामला केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचा, लेकिन त्रिवेंद्र रावत ब्यूरोक्रेसी की सुनी और अपने पार्टी के नेताओं को अनसुना कर दिया। उनकी कुर्सी खिसकने के कई कारण रहे, जिसमें से एक यह भी बड़ा कारण है।