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DevBhoomi Insider Desk
• Wed, 2 Mar 2022 12:33 pm IST


रानीखेत में सांस्कृतिक समिति का गठन


रानीखेत नगर में अब मेलों की परंपरा बढ़ाने की जरूरत है। कभी यहां लगने वाला शिवरात्रि, कृष्ण जन्माष्टमी के मेले रानीखेत की शान होते थे। शिवरात्रि मेले में कभी यहां लोक कलाकारों की धूम रहती थी। नगाड़े निशानों के साथ छोलिया नृत्य, झोड़ा, चांचरी और भगनौल गाते हुए गायक मेले को चार चांद लगा देते थे लेकिन इस शिवरात्रि पर रानीखेत बाजार में सन्नाटा पसरा रहा।बुजुर्ग बताते हैं कि 1990 की दशक में शिवरात्रि मेला नगर की शान होता था। कई बड़े लोकगायक और कलाकार यहां आकर मेले में चार चांद लगा देते थे, लेकिन बाद के वर्षों में लोगों का परस्पर सहयोग न मिल पाने के कारण यह मेला पूरी तरह से बंद हो गया। अब यहां शिवरात्रि पर्व के दिन बाजार में सन्नाटा पसरा रहा हालांकि शिव मंदिर कमेटी की तरफ से शिव मंदिर में सांस्कृतिक कार्यक्रम हो रहे हैं जबकि चिलियानौला नगर पालिका, मजखाली, ताड़ीखेत, द्वाराहाट के विमांडेश्वर आदि स्थानों पर मेलों की परंपरा फिर भी जीवित है।बता दें की नगर में संस्कृति के प्रति जागरूक नागरिकों की तरफ से रानीखेत सांस्कृतिक समिति का गठन किया गया है। समिति की पहली बैठक में रानीखेत में लुप्त होती सांस्कृतिक गतिविधियों को फिर से जीवित करने पर सहमति बनी। इसकी शुरुआत होली पर्व से होगी। समिति ने आगामी होली पर जिला स्तरीय ऑनलाइन स्वांग प्रतियोगिता कराने का निर्णय लिया है। गर्मियों में ग्रीष्मोत्सव कराने पर भी विचार विमर्श हुआ। अगली बैठक में ग्रीष्मोत्सव के आयोजन पर मुहर लगेगी।समिति के अध्यक्ष विमल सती की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय किया गया होली की स्वांग प्रतियोगिता एकल और युगल दो वर्गों में होगी, जिसमें विजेता टीमों को आकर्षक पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। बैठक में अप्रैल के अंत या मई शुरुआत में रानीखेत महोत्सव के आयोजन को जोड़ते हुए ग्रीष्मोत्सव के आयोजन पर भी चर्चा हुई। इसके लिए प्रशासन, छावनी परिषद सहित अन्य संगठनों के साथ संयुक्त बैठक करने का भी निर्णय लिया गया। इसकी तिथि शीघ्र निर्धारित की जाएगी। कार्यक्रम में नंदा देवी समिति अध्यक्ष हरीश लाल साह, व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष दीपक पंत, छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष संजय पंत, समिति उपसचिव गौरव तिवारी, मीडिया प्रभारी सोनू सिद्दीकी आदि मौजूद रहे।