पौड़ी: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के निर्माण कार्य में लगी एक कंपनी के कर्मचारी की मृत्यु होने पर कंपनी के खिलाफ पैदा हुआ विवाद रविवार को शांत हो गया। इस मौके पर कार्यदायी एजेंसी ने मृतक की पुत्री वंदना वर्मा के खाते में 30 मई को 10 लाख की धनराशि जमा करने का लिखित आश्वास दिया, जिसके बाद परिजनों और कंपनी के कर्मचारियों ने शव का अंतिम संस्कार किया है। श्रीकोट-स्वीत में रेलवे परियोजना की टनल के अंदर कार्य कर रहे मजदूर वीर सिंह की शनिवार तड़के करीब तीन बजे उसकी मौत हो गई। कार्यदायी एजेंसी के कर्मचारी शव को बिना पोस्टमार्टम और परिजनों को सूचना दिए बगैर अंत्येष्टि के लिए घाट पर लेकर गए थे।अन्य कर्मचारियों ने घाट पर जाकर अंतिम संस्कार होने से रोक दिया। शव को घाट से उठाकर पुलिस चौकी श्रीकोट ले आए।पोस्टमार्टम होने के बाद मृतक के परिजन और कंपनी के अन्य कर्मचारी मुआवजा व अन्य सुविधा दिए जाने के लिए शनिवार देर शाम शव के साथ कंपनी कार्यालय में धरने पर बैठ गए। रविवार रात करीब 2 बजे कंपनी के अधिकारियों के लिखित आश्वास पर मृतक के परिजन और धरने पर बैठे कर्मचारी शव के अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए, जिसके बाद रविवार को श्रीकोट घाट पर मृतक का अंतिम संस्कार किया गया।