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DevBhoomi Insider Desk
• Fri, 21 Oct 2022 7:30 am IST


एकादशी के दिन क्यों नहीं खाया जाता है चावल, जानिए कारण


हिंदू धर्म में एकादशी का काफी अधिक महत्व है। भगवान विष्णु को समर्पित इस व्रत में विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखा जाता है। साल में 24 एकादशी पड़ती है। ऐसे में हर मास में 2 एकादशी पड़ती है पहली कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में पड़ती हैं। माना जाता है कि इस व्रत को रखने से सभी दुखों, कष्टों और पापों से मुक्ति मिल जाती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। एकादशी के दिन के कुछ नियम है जिन्हें जरूर पालन करना चाहिए। ऐसा ही एक नियम है कि एकादशी के दिन चावल नहीं खाने चाहिए। जानिए इसका धार्मिक और वैज्ञानिक कारण।

चावल न खाने का पौराणिक कारण
पौराणिक कथा के अनुसार, महर्षि मेधा ने मां शक्ति के क्रोध से बचने के लिए धरती में अपने शरीर का त्याग कर दिया था। कहा जाता है कि जिस दिन उन्होंने अपना शरीर त्यागा उस दिन एकादशी थी। जब महर्षि ने अपना शरीर त्याग दिया तो उन्होंने चावल और जौ के रूप में धरती में जन्म लिया। इसी कारण चावल और जौ को जीव के रूप में माना जाता है। एकादशी के दिन इनका सेवन करना यानी महर्षि मेधा के खून और रक्त का सेवन करने के बराबर है।

वैज्ञानिक कारण
 एकादशी के दिन चावल न खाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी छिपा है। इसके अनुसार, चावल में अधिक मात्रा में पानी पाया जाता है। ऐसे में पानी में चंद्रमा का प्रभाव अधिक होता है और चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है। जब व्यक्ति एकादशी के दिन चावल का सेवन करता है, तो उसके शरीर में अधिक मात्रा में पानी हो जाता है। ऐसे में उसका मन चंचल और विचलित होने लगता है। ऐसे में उसे अपना व्रत पूर्ण करने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।