श्रीनगर (उत्तराखंड): इन दिनों अयोध्या से संतों की टोली भगवान बदरीनाथ के यहां ज्ञानवापी मामले को लेकर अर्जी लगाने के लिए उत्तराखंड पहुंची हुई है. इस टोली में बिंदुगद्याचार्य महंत, रसिक पीठाधीश्वर महंत जन्मेजय शरण महाराज, जगतगुरु रामदिनेशाचार्य, स्वामी पीठाधीश्वर महंत अवधेश दास महाराज, नागा रामलखन दास महाराज शामिल हैं. साथ ही संतों के साथ सैकड़ों भक्त भी देवभूमि आए हुए हैं. इस दौरान ब्रह्मा कुमारी संस्थान द्वारा आयोजित संत समागम में संतों और भक्तों ने हिस्सा लिया.बिंदुगद्याचार्य महाराज देवेंद्रप्रसादाचार्य ने कहा की सनातन धर्म धरती का सबसे पुराना धर्म है. जब से सतयुग आया तब से लेकर आज तक भगवान बदरीनाथ आज भी अपने मूल स्थान पर हैं. जो लोग भगवान बदरीनाथ के बौद्ध मठ कहते हैं, उन्हें न्यायालय या सरकार सजा दे ना दे, लेकिन भगवान ऐसे लोगों को कभी माफ नहीं करेगा. स्वामी पीठाधेश्वर महत अवधेश दास महाराज ने कहा किसी के बोलने से भगवान बदरीनाथ का मंदिर बौद्ध मठ नहीं हो जाएगा. ऐसा बोलने वाले लोग पानी के बुलबुले हैं, जिन्हें एक न एक दिन फूटना है. बौद्ध मठ कहने वाले लोग पाखंडी हैं.