बागेश्वर: उत्तरायणी मेले का स्वरूप धार्मिक, राजनैतिक तथा सांस्कृतिक है। कोरोना के चलते इस बार राजनैतिक तथा सांस्कृतिक मेला नहीं हो रहा है, जबकि धार्मिक मेला लोगों की आस्था से जुड़ा है। इसलिए दूसरे दिन भी लोगों की भीड़ रही। सुबह से ही लोग गंगा स्नान के बाद बागनाथ, बैणीमाधव, कालभैरव मंदिर पहुंचे। दूसरे दिन भी सरयू बगड़ में जनेऊ संस्कार व मुंडन संस्कार संपन्न हुए। हालाकि सांस्कृतिक मेले के चलते हर साल सजने वाला नुमाईशखेत मैदान में इस बार सन्नाटा रहा। अन्य सालों में यहां झूले, विकास प्रदर्शनी के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम होते थे। कोरोना के चलते इस बार यहां लोग ही नहीं दिख रहे हैं।