अल्मोड़ा-कोरोना के चलते दवा और मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी बढ़ गई है, लेकिन संसाधनों के अभाव में औषधि नियंत्रक विभाग इस पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है। इसकी वजह है कि पांच जिलों के लिए सिर्फ एक ही ड्रग इंस्पेक्टर है। कोरोना से घबराए लोग अपने मरीज के इलाज के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। इसके चलते दवा, सर्जिकल उपकरणों की कालाबाजारी करने वालों की बाढ़ आ गई है। इन पर अंकुश लगाने के लिए औषधि नियंत्रक विभाग संसाधनों के अभाव में कुछ भी नहीं कर पा रहा है। हालत यह है कि पांच जिलों का जिम्मा एक ड्रग इंस्पेक्टर को दिया गया है, उसके पास भी न तो चतुर्थ श्रेणी कर्मी है और न क्लर्क। केवल हल्द्वानी व उसके आसपास 700 और कुमाऊं में करीब 1200 के आसपास मेडिकल-सर्जिकल स्टोर व थोक विक्रेता हैं। इनकी जांच नहीं हो पा रही है। मई माह में सिर्फ तीन कार्रवाई की गई।