उत्तरकाशी : श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में शिव महापुराण कथा का वाचन करते शिव राम भट्ट ने सावन मास के माहात्म का वर्णन करते हुए कहा कि सावन मास में तीन तरह से अभिषेक किया जाता है। जिसमें पहला अभिषेक मनुष्य गंगाजल, दूसरा देवताओं द्वारा बरिश, तथा तीसरा अभिषेक कथा श्रवण से आत्म रूपी शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है।श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत जयेंद्र पुरी की ओर से विश्वनाथ मंदिर में शिव महापुराण का दिव्य आयोजन किया जा रहा है। आगामी 12 अगस्त तक चलने वाली शिव महापुराण कथा के पहले दिन विश्वनाथ मंदिर से मणिकर्णिका घाट तक विधिवत कलश यात्रा निकाली गई। इसके बाद मंदिर हॉल में कथा का वाचन करते शिव राम शास्त्री ने सावन मास का माहात्म्य का वर्णन करते हुए कहा कि इस पवित्र मास में तीन तरह से अभिषेक किया जाता है। प्रथम अभिषेक गंगा जल से मनुष्यों द्वारा शिवलिंग का अभिषेक, दुसरा अभिषेक देवताओं द्वारा बारिश के रूप में प्रकृति रूपी शिवलिंग का अभिषेक तथा तीसरा अभिषेक कथा श्रवण के द्वारा आत्मा रूपी शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। इन सभी से मानव का कल्याण निहित है।