फरीदाबाद नगर निगम के 200 करोड़ के घोटाले मामले में अब विजिलेंस ने आईएएस आधिकारियों को जांच में शामिल होने के लिए बुलाना शुरू कर दिया है।
सबसे पहले विजिलेंस ने पूर्व निगमायुक्त आईएएस सोनल गोयल को जांच शामिल होने का नोटिस जारी कर दफ्तर बुलाया था। लेकिन नोटिस के बावजूद अधिकारी नहीं आई। और महिला अधिकारी ने वीआईपी ड्यूटी की तैयारियों का हवाला देते हुए सूचना विजिलेंस को भेज दी।
फिलहाल, विजिलेंस ने उन्हें अगले हफ्ते का नोटिस दिया है। बता दें कि, घोटाले मामले में विजिलेंस के रडार पर तीन आईएएस अधिकारी हैं। ये सभी घोटाले के दौरान नगर निगम आयुक्त रहे थे। बाकि अधिकारियों को विजिलेंस जल्द नोटिस जारी करेगा।
घोटाले में अब तक विजिलेंस ठेकेदार सतवीर, निलंबित मुख्य अभियंता डीआर भास्कर, रमन शर्मा, जेई दीपक शर्मा को गिरफ्तार कर चुकी है। सभी फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। इसके बाद ऑडिट विभाग से संयुक्त निदेशक दीपक थापर, वरिष्ठ लेखा अधिकारी विशाल कौशिक, वित्त नियंत्रक सतीश कुमार और वरिष्ठ लेखा अधिकारी हरगुलाल फागना को गिरफ्तार किया गया।
विजिलेंस का दावा है कि, आईएएस अधिकारियों के खिलाफ घोटाले की जानकारी होने का बावजूद वे चुप रहने का आरोप है। ऐसी कई फाइलें हैं, जिनमें ठेकेदार को बिना काम के ही भुगतान करने के अलावा मामलों में काम की लागत राशि बढ़ाने को लेकर फाइलों पर अधिकारियों ने हस्ताक्षर पाए गए हैं।
ये घोटाला मई 2020 में सामने आया था। नगर निगम के चार तत्कालीन पार्षद दीपक चौधरी, दीपक यादव, सुरेंद्र अग्रवाल, महेंद्र सरपंच ने तत्कालीन निगम आयुक्त को शिकायत दी थी कि, निगम के लेखा विभाग ने ठेकेदार सतबीर को बिना काम किए ही भुगतान कर दिया है।