हरिद्वार, जोशीमठ रैणी गाँव ऋषिगंगा में ग्लेशियर फटने से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट में हुई तबाही में मारे गए ज्ञात-अज्ञात मजदूरों, श्रमिकों को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते श्रमिक कल्याण परिषद के अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने अलकनंदा घाट स्थित माँ गंगा के समीप इतवार के दिन पूर्व में आई प्राकृतिक आपदा में अपनी निर्मम जान गवाने वाले श्रमिकों को याद कर 2 मिनट का मौन रखकर अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित किए व रेस्क्यू कर रहे सैनिक जवानों व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों व कर्मचारियों की हौसला अफजाई करते हुए, उन्हें सलामी दी।
सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने राज्य सरकार से मांग की प्राकृतिक आपदा में मारे गए ज्ञात-अज्ञात श्रमिकों के आश्रितों को सरकारी नौकरी के साथ 20-20 लाख की मुआवजे की राशि तत्काल प्रभाव से प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराए जाने की मांग के साथ घायल श्रमिकों को 5 लाख की सहायता राशि दिए जाने की मांग को भी दोहराया।
इस अवसर पर श्रमिक कल्याण परिषद के अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा उत्तराखंड में केदारनाथ की 2013 की आपदा ने बहुत से देश-विदेश स्थानीय नागरिकों को खोया था और अब जिस प्रकार से ऋषिगंगा में बादल फटने से तबाही हुई है.
अब तक जान-माल गवा चुके असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की पहचान कर मुआवजा राशि प्राथमिकता के आधार पर तत्काल प्रभाव से दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा उत्तराखंड में सरकार को आने वाले समय में तीर्थ यात्राओं को ध्यान में रखते हुए बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, हरिद्वार ऋषिकेश व समस्त तीर्थ स्थलों व पर्यटक स्थलों में आने वाले तीर्थ यात्रियों व पर्यटकों को पर्यावरण के प्रति जागरूकता के संदेश के साथ, "उत्तराखंड आओ, एक पेड़ लगाओ" इस प्रकार का अभियान जन जागरूकता के साथ चलाने की आवश्यकता है।
जोशीमठ ऋषिगंगा में आई प्राकृतिक आपदा में मारे गए ज्ञात-अज्ञात श्रमिकों को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों में लालचंद सिंह, भोला यादव, राजेंद्र पाल, प्रभात चौधरी, छोटेलाल शर्मा, कुंवर सिंह मंडवाल, राजेश खुराना, आर एस रतूड़ी, विजय गुप्ता, वीरेंद्र कुमार, राजेश कुमार, बलराम, ऋषिपाल सिंह, जय सिंह बिष्ट आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।