अल्मोड़ा : कुमाऊं की सबसे बड़ी दवा कंपनी आल्पस जल्द फिर से अस्तित्व में आएगी। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के आदेश के बाद दिल्ली की सिविक सर्विसेज होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड ने इस कंपनी का अधिग्रहण कर लिया है। कंपनी के शुरू होने के बाद अल्मोड़ा ही नहीं बल्कि कुमाऊं के सैकड़ों लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकेंगे। अविभाजित उत्तर प्रदेश में वर्ष 1975 में इस कंपनी के डायरेक्टर खजान जोशी ने अल्मोड़ा में एक छोटे उद्योग के रूप में आल्पस की शुरुआत की थी। उस दौर में उद्योगों को प्रोत्साहन दिए जाने के कारण आल्पस ने कम समय में अच्छी शुरुआत की। उस समय उत्तर प्रदेश की अधिकतर सरकारी संस्थाओं के अलावा महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में दवा की आपूर्ति इसी फैक्टरी से होती थी। वर्ष 2000 में उत्तराखंड राज्य गठन होने के बाद यूपी व अन्य राज्यों से आल्पस को मिल रहा व्यवसाय भी खत्म हो गया। नवगठित प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के दावे तो हुए लेकिन छोटे और मझौले उद्याेगों को फिर भी कोई बढ़ावा नहीं मिल पाया। मजबूरी में आल्पस कंपनी को अपना अस्तित्व बचाने के लिए बाहरी कंपनियों का सहारा लेना पड़ा। गुजरात की एक कंपनी समेत जिन भी कंपनियों ने इस कंपनी को टेकओवर किया। उनके दस्तावेजों में कंपनी लगातार घाटे में रही। अन्य कई विवादों के चलते यह कंपनी वर्ष 2018 के आसपास पूरी तरह बंद हो गई और यहां काम करने वाले डेढ़ सौ से अधिक कर्मचारी बेरोजगार हो गए थे।