देहरादून: ऑस्कर पुरस्कार से सम्मानित डाक्यूमेंट्री फिल्म ‘द एलीफेंट व्हिस्परर्स’ के सिनेमेटोग्राफी करन थपलियाल मूलरूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं। पौड़ी गढ़वाल जिले के पाबौ ब्लाक स्थित ग्राम नौगांव मल्ला निवासी करन की डाक्यूमेंट्री फिल्म लगातार दूसरी बार ऑस्कर के लिए नामित हुई थी।हालांकि पिछली बार उनकी डाक्यूमेंट्री ‘राइटिंग विद फायर’ ऑस्कर जीतने से चूक गई थी, जिसकी कसर इस बार ‘द एलीफेंट व्हिस्परर्स’ ने पूरी कर दी। सोमवार सुबह पौने सात बजे करन को उनके दिल्ली स्थित आवास पर ऑस्कर जीतने की खबर मिली। इसके बाद से बधाइयों का दौर चल रहा है। वर्तमान में करन थपलियाल परिवार के साथ दिल्ली के खानपुर में रहते हैं और पिछले 15 साल से सिनेमेटोग्राफी कर रहे हैं। इस बीच उन्होंने कई डाक्यूमेंट्री और शार्ट फिल्मों के लिए काम किया। द एलीफेंट व्हिस्परर्स, राइटिंग विद फायर और द प्रेसीडेंट्स बाडीगार्ड उनकी चुनिंदा डाक्यूमेंट्री में शामिल हैं।‘द एलीफेंट व्हिस्परर्स’ के सिनेमेटोग्राफी का अनुभव साझा करते हुए करन बताते हैं, कोरोना काल के दौरान वर्ष 2020 में निर्देशक कार्तिकी गोंजाल्विस का मुझे फोन आया था। उस वक्त कोरोना की पहली लहर खत्म होने के बाद धीरे-धीरे प्रतिबंध हट रहे थे। कार्तिकी और नेटफ्लिक्स पहले से ही इस डाक्यूमेंट्री पर काम कर रहे थे।