देहरादून: उत्तराखंड में सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग में खाली पड़े पदों को भरने की कवायद में जुटी हुई है. इसी कड़ी में चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग ने 276 चिकित्सा अधिकारियों के पदों को भरने का निर्णय है. इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने राज्य चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को अधियाचन भी भेज दिया है. इस भर्ती प्रक्रिया के बाद प्रदेश में न सिर्फ डॉक्टरों की कमी दूर होगी. बल्कि, पर्वतीय और दूरस्थ क्षेत्रों में लोगों को स्थानीय स्तर पर ही स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी.
खाली पड़े डॉक्टरों के बैकलॉग पदों को भरने की कवायद: उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि सरकार प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को दूर करते हुए लोगों को स्थानीय स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना चाहती है. जिसके चलते सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में लंबे समय से खाली पड़े डॉक्टरों के बैकलॉग पदों को जल्द से जल्द भरने निर्णय लिया है. साथ ही इसका अधियाचन भी चयन बोर्ड को भेज दिया है. उन्होंने कहा कि राजकीय चिकित्सालयों में रोगियों को किसी भी तरह की परेशानी न हो, इसका ध्यान रखा जा रहा है.
अस्पतालों में दवाओं के साथ-साथ मरीजों को बेहतर इलाज मिले इसके लिए निगरानी तंत्र विकसित किया जा रहा है. साथ ही डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टॉफ, फार्मासिस्टों की उपस्थिति पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है. इसके साथ ही राज्य सरकार ने राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में सात और फैकल्टी की नियुक्ति को मंजूरी दी है. हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में आयोजित वॉक-इन-इंटरव्यू के जरिए इन फैकल्टी का चयन किया गया है. जिसमें दो एसोसिएट प्रोफेसर और पांच असिस्टेंट प्रोफेसर शामिल हैं.
इन सभी को संविदा के आधार पर नियुक्ति दी गई है. चयनित संकाय सदस्यों में कम्युनिटी मेडिसिन विभाग में डॉ. प्रियंका डोभाल और डेंटिस्ट्री विभाग में डॉ. पल्लवी पांडेय को एसोसिएट प्रोफेसर के पद नियुक्ति दी गई है. इसी तरह असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर माइक्रोबायोलॉजी में डॉ. शिवांग पटवाल और डॉ. मनीष कुमार, पैथोलॉजी विभाग में डॉ. अर्शी खान, ऑब्स एंड गायनी में डॉ. जूही के साथ ही न्यूरो सर्जरी विभाग में डॉ. अमित कुमार को नियुक्ति दी गई है.