असम में बाढ़ का प्रकोप जारी है। लेकिन बाढ़ के चलते किसी तरह की बीमारी न पनपे इसको लेकर यूनाइटेड नेशन्स इंटरनेशनल चिल्ड्रेन्स इमरजेंसी फंड असम ने डीडीएमए कछार और पार्टनर ऑक्सफैम इंडिया के साथ मिलकर यहां चार पानी के फिल्टरेशन यूनिट्स स्थापित किए हैं।
2 यूनिट्स को कटिगोरा राजस्व सर्कल में, एक सिलचर टाउन और एक को सोनाई राजस्व सर्कल में लगाया गया है। इससे प्रभावित लोगों को पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पेयजल मिलेगा। यूनिसेफ असम की तरफ से साझा की गई जानकारी के मुताबिक, ये वाटर फिल्टरेशन यूनिट्स प्रतिघंटे 700 से 1000 लीटर पानी को फिल्टर कर सकता है। गांव में साफ जल और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
यूनिसेफ असम में चीफ ऑफ फील्ड ऑफिस और आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि, स्वच्छ पेयजल मौजूदा समय की बुनियादी जरूरत है। बाढ़ के कारण कई जिले जलमग्न हो गए हैं, ऐसे में पानी की अस्वच्छता के कारण कई तरह की बीमारियों के पनपने का खतरा हो सकता है। कछार में लगाए गए इन वाटर फिल्टरेशन यूनिट्स की मदद से लोगों तक साफ पीने का पानी पहुंचाकर हम बाढ़ जनित बीमारियों के जोखिम को कम करने का कोशिशों में जुटे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दूषित पानी और स्वच्छता में कमी से हैजा, दस्त, पेचिश, हेपेटाइटिस-ए, टाइफाइड और पोलियो जैसी बीमारियां फैलती हैं। और बाढ़ प्रभावित हिस्सों में सुविधाओं की कमी के चलते इन बीमारियों के फैलने का खतरा दोगुना बढ़ जाता है। साफ पीने के पानी की अनुपलब्धता और स्वच्छता की कमी के कारण ऐसे हिस्सों में संक्रमण और बीमारियां बढ़ जाती हैं, जिसके कारण हर साल हजारों की मौत होती है।