उत्तराखंड में महिलाएं अब जागरूक हो गईं है। उत्तराखंड में पतियों के खिलाफ महिलाएं जमकर शिकायतें दर्ज करा रहीं हैं। पहाड़ के चार जिलों की महिलाओं की कानून तक पहुंच तराई के दो जिलों की महिलाओं से आधी भी नहीं है। इसकी तस्दीक महिला हेल्पलाइन और गौरा शक्ति ऐप में दर्ज शिकायतों के आंकड़े कर रहे हैं।
हालांकि गौरा शक्ति ऐप पर रजिस्ट्रेशन के मामले में पहाड़ की महिलाएं ज्यादा जागरूक नजर आ रही हैं। लिखित और ऑनलाइन शिकायतों की बात करें तो बीते चार माह में पुलिस को 1604 शिकायतें मिलीं। इनमें महिला हेल्प लाइन में प्राप्त 1430 और ऑनलाइन गौरा शक्ति ऐप में मिली 174 शिकायतें शामिल हैं।मैदानी जिलों से 960 महिलाओं की शिकायतें पहुंचीं, वहीं पर्वतीय जिले की 641 महिलाओं ने ही शिकायतें दर्ज कराईं। ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने में भी पर्वतीय जिलों की महिलाएं पीछे हैं। कुल 174 में से महज 57 शिकायतें पर्वतीय जिलों की महिलाओं की हैं। वहीं गौरा शक्ति ऐप में प्राप्त शिकायतों पर पुलिस कार्रवाई की बात करें तो यहां सिर्फ 8 शिकायतें लंबित हैं।इनमें पिथौरागढ़, बागेश्वर चम्पावत का शेष शून्य है। आंकड़ों पर गौर करें तो पर्वतीय क्षेत्र की महिलाओं के लिए अब भी कानून की पहुंच खासी दूर है।