मोदी सरनेम पर मानहानि मामले में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई, और इसके ठीक अगले दिन उन्हें लोकसभा सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया।
वहीं आज सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दी गई है, जिसमें मांग की गई है कि, विधायी संस्थानों के चुने हुए प्रतिनिधियों को दोषी पाए जाने के बाद उन्हें अपने आप ही अयोग्य घोषित नहीं किया जाना चाहिए।
दरअसल, SC में दायर इस याचिका में लोक प्रतिनिधि कानून की धारा 8(3) की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है, जिसके तहत किसी भी मामले में कोर्ट से दोषी पाए गए जनप्रतिनिधि की विधायी संस्थान से सदस्यता अपने आप ही खत्म हो जाती है।