त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ पार्टी में बगावत उनके शपथ लेने के कुछ समय बाद से ही शुरू हो गई थी इस पूरे परिदृश्य में खास बात यह रही कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ बगावत की पहली चिंगारी धर्मनगरी हरिद्वार से ही उठी थी हरिद्वार में विधायकों का एक खेमा त्रिवेंद्र रावत के खिलाफ पहले दिन से ही मुखर था वजह यह थी कि हरिद्वार से एक मंत्री और बनाए जाने की चर्चा थी लेकिन कैबिनेट में शुरू से ही मंत्री के दो पद खाली होने के बाद भी यहां के विधायकों को मौका नहीं दिया गया फल स्वरूप त्रिवेंद्र रावत के खिलाफ बगावत होनी शुरू हो गई यह बात बेहद आम रही की कुमाऊं क्षेत्र के एक विधायक के नेतृत्व में हरिद्वार गढ़वाल और कुमाऊं के कई विधायक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की कुर्सी हिलाने के लिए लामबंद है हरिद्वार में इस गुट की कहीं बैठकर हुई विधायकों ने मुखर होकर भी अपनी बात रखी और अंततः यह चिंगारी सुलगते सुलगते आग के ऐसे गोले में तब्दील हो गई जो आखिरकार मुख्यमंत्री पद से त्रिवेंद्र सिंह रावत की विदाई का कारण ही बन गई