देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर तीर्थपुरोहितों का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। उन्होंने सरकार पर चारधाम तीर्थपुरोहित समाज व हक-हकूकधारियों को बोर्ड के नाम पर गुमराह करने का आरोप लगाया है। कहा है कि बोर्ड में अगर, उनके हित सुरक्षित हैं, तो सरकार क्यों स्पष्ट नहीं कर रही है। इस मौके पर आंदोलन की नई रणनीति पर भी चर्चा की गई।
आचार्य संतोष त्रिवेदी व आचार्य संजय तिवारी के नेतृत्व में केदारनाथ में बोर्ड के विरोध में आंदोलन को 50 दिन पूरे हो गए हैं। बृहस्पतिवार को तीर्थपुरोहितों ने मंदिर परिसर में धरना देते हुए सरकार व बोर्ड का विरोध किया। आंदोलनकारियों का कहना था कि पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने बोर्ड पर पुनर्विचार का आश्वासन दिया था। जबकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीर्थपुरोहितों के हितों के सुरक्षित होने की बात कही, लेकिन आज तक किसी ने कोई सुध नहीं ली है। कहा कि सरकार देवस्थानम बोर्ड के नाम पर गुमराह कर रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।