पिथौरागढ़। राज्य आंदोलनकारी का दर्जा पाने को चल रही लड़ाई जारी है। वंचित राज्य आंदोलनकारियों ने शासन-प्रशासन पर वास्तविक आंदोलनकारियों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। कहा राज्य आंदोलन के दौरान अहम भूमिका निभाने वाले सैकड़ों लोग अभी भी सम्मान से वंचित हैं। लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
शनिवार को टकाना स्थित रामलीला मैदान में वंचित राज्य आंदोलनकारी एकत्र हुए। इस दौरान उन्होंने शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया और बाद में धरने में बैठ गए। वंचित राज्य आंदोलनकारियों ने एक सुर में कहा राज्य आंदोलनकारी प्रमाण पत्र के लिए वे सालों से सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन उन्हें राहत नहीं मिल रही। कहा राज्य आंदोलन के दौरान सैकड़ों लोगों ने अहम भूमिका निभाई, लेकिन उनका कहीं जिक्र नहीं है। कई जनपदों में पुलिस और एलआईयू ने भी राज्य आंदोलन के दौरान के अभिलेखों को नष्ट कर दिया है। ऐसे में चिन्हीकरण के शासनादेश में संशोधन करना बेहद जरूरी है।
उन्होंने सरकार से अखबार को मानक मान और पूर्व में चिन्हित दो आंदोलनकारियों की पुष्टि के बाद वंचित लोगों को राज्य आंदोलनकारी का दर्जा देने की मांग की है। कहा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती वे आंदोलन जारी रखेंगे। यहां वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी राजेंद्र भट्ट, समिति अध्यक्ष उमा पाण्डेय, केंद्रीय प्रवक्ता किशोर पाठक, उपाध्यक्ष पवन पाटनी सहित कई लोग मौजूद रहे।