रुद्रप्रयाग: तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल मर्कटेश्वर महादेव मंदिर मक्कूमठ में 18 वर्ष बाद आज से महायज्ञ शुरू हो रहा है। महायज्ञ में मानव कल्याण के लिए प्रतिदिन 72 हक-हकूकधारी आहुतियां डालेंगे।तुंगनाथ समय-समय पर अपने गूठ गांव और खदेड़ पट्टी के गांवों में दिवारा यात्रा करते हैं। पिछले पांच दशक में समय और परिस्थितियों के हिसाब से 12 से 22 वर्ष के अंतराल में आराध्य की दिवारा यात्रा होती है। 11 दिवसीय महायज्ञ में तीसजूला के खदेड़ पट्टी सहित तुंगनाथ घाटी के 56 गूठ गांव भगवान तुंगनाथ के भक्त शामिल होते हैं। मठाधिपति राम प्रसाद मैठाणी, आचार्य लंबोदर प्रसाद मैठाणी, दिवारा यात्रा समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र मैठाणी बताते हैं कि नौंवी सदी में आदिगुरु शंकराचार्य के समय से चांदपुर गढ़ी के राजा चंद्रभान ने मक्कू के मैठाणी संप्रदाय के लोगों को तृतीय केदार तुंगनाथ की पूजा-अर्चना का अधिकार दिया था। वर्ष 1969-70 में भगवान तुंगनाथ की दिवारा यात्रा हुई थी, जिसके बाद वर्ष 1972 में महायज्ञ हुआ। वहीं, 1980/81 में हुई दिवारा यात्रा के बाद 1982 और 2003-04 की दिवारा यात्रा के बाद वर्ष 2006 में महायज्ञ का आयोजन किया गया था।