रामनगर (नैनीताल)। कॉर्बेट लैंडस्केप के अंतर्गत रामनगर से लेकर मोहान तक एनएच 309 पर एक हाथी का खौफ डेढ़ साल तक रहा। आए दिन व्यापारियों का सामान पहाड़ लेकर जा रही गाड़ियों से ''''रंगदारी'''' वसूलने के तौर पर खाद्य सामग्री खाने के बाद ही आगे जाने देता। इस हाथी के खौफ से व्यापारियों ने पहाड़ गाड़ियां भेजने के समय में बदलाव कर दिया। डेढ़ साल बाद जब हाथी की मौत हुई, तब व्यापारियों ने राहत की सांस ली।रामनगर से गढ़वाल व कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्रों में खाद्य सामग्री भेजी जाती है, गाड़ियां तड़के चार बजे से लेकर सुबह छह बजे तक निकलती है, ताकि पहाड़ों पर खाद्य सामग्री समय से पहुंच जाए। साल 2019 में एक हाथी ने हाईवे पर आतंक मचा दिया। हाथी पहाड़ जाने वाली खाद्य सामग्री की गाड़ियों को पहचान लेता था। हाथी सड़क पर आता और गाड़ियों से खाद्य सामग्री निकालकर खाता और चला जाता। खाद्य सामग्री नहीं मिलने पर गाड़ियों में तोड़फोड़ भी कर देता था।इस समस्या को लेकर रामनगर के व्यापारियों ने रामनगर वन प्रभाग व कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अधिकारियों से मिलकर हाथी के आतंक से निजात दिलाने की मांग की। वन विभाग ने रणनीति बनाते हुए हाथी को पकड़ने की योजना भी बनाई। वन विभाग की टीम लगातार गश्त करती और हाथी के हाईवे पर आने पर हवाई फायर कर जंगल की ओर खदेड़ देती थी। जुलाई 2020 में मोहान क्षेत्र में ही आपसी संघर्ष में हाथी की मौत हो गई।