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DevBhoomi Insider Desk
• Wed, 29 Mar 2023 4:26 pm IST


छोटी-सी दुकान से शुरू हुआ सफर आज विदेशों में भी जमा चुका है पैर, यहां जानें पंसारी ग्रुप कैसे बना इंटरनेशनल ब्रांड


'लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती' हरिवंश राय बच्चन जी की ये पंक्तियां पंसारी ग्रुप पर पूरी तरह से चरितार्थ होती है। ये एक ऐसी खाद्य तेल उद्योग कंपनी है, जिसने डाबर और फॉर्च्यून जैसे दिग्गज ब्रांड के बीच रहकर भी खुद की अलग पहचान बनाई। हालांकि कारोबार शुरू करने के 6 महीने के भीतर ही इस कंपनी को एक तगड़ा झटका लगा था जिससे उसके मालिक  को काफी नुकसान हुआ था। दरअसल,  प्रोडेक्ट की सप्लाई हो जाने के बावजूद ट्रेडर्स ने पंसारी ग्रुप को पेमेंट नहीं किया जिससे कंपनी को 1 करोड़ रुपये से भी अधिक का नुकसान उठाना पड़ा था। हालांकि इस बुरे दौर में उनका पूरा परिवार उनके साथ मजबूती से खड़ा रहा। इस वाकये के बाद भी पंसारी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर शम्मी अग्रवाल के पिता ने अपने उन्हें सलाह दी कि नुकसान की परवाह मत करो, बिजनेस पर फोकस करो और कोशिश करते रहो।
शम्मी के ताऊजी को भी उनकी काबिलियत पर पूरा भरोसा था। उन्होंने कहा असफलता भी कोई न कोई सीख  देती है।  1940 के दशक में राजस्थान के पावटा में एक छोटी सी किराना दुकान शुरू की गई। उस वक्त इस दुकान को पंसारी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर शम्मी अग्रवाल के दादा जी ने शुरू किया था। दुकान का नाम उन्होंने पंसारी  रखा था। दुकान चल रही थी। इसी बीच 1960 के दशक में किन्हीं कारणों से उन्हें कोलकाता शिफ्ट होना पड़ा। कोलकाता आकर उन्होंने सरसों और तिल के तेल का थोक कारोबार शुरू किया,  लेकिन 1980 के दशक में तिल का यह बिजनेस ठप हो गया।  इसके बाद उन्होंने फैसला किया कि क्योंकि बीजों का कारोबार जोखिम भरा है।  ऐसे में अब वह खाद्य तेल का कारोबार शुरू करेंगे। 1990 के दशक में शम्मी के पिता ने दिल्ली में किराए पर एक फैक्ट्री लेकर खाद्य तेल की मैन्युफैक्चरिंग शुरू कर दी। इस ग्रुप ने धीरे-धीरे ट्रेडिंग से मैन्युफैक्चरिंग में खुद को स्थापित कर लिया।  समय के साथ कंपनी ग्रो करने लगी।
साल 2005 तक उत्तरी भारत में कंपनी की 7 यूनिटें स्थापित हो गईं। इसके बाद  2010 में शम्मी भी अपने पिता के कारोबार से जुड़ गए। कहते हैं न कि नई सोच से हर चीज को नया आयाम मिलता है। शम्मी ने पंसारी ग्रुप को एक ब्रांड बनाने का सपना देखा था जिसे पूरा करने में जुट गए और उन्होंने पंसारी ब्रांडेड सरसों तेल लॉन्च किया। उन्होंने बिजनेस टू बिजनेस (B2B) कारोबार को बिजनेस टू कंज्यूमर (B2C) बनाया। शम्मी की मेहनत और लग्न का परिणाम रहा कि वित्त वर्ष 2010-11 में कंपनी ने 180 करोड़ रुपये का रेवेन्यु दर्ज किया।  पंसारी ग्रुप आज FMCG क्षेत्र में एक जाना माना नाम बन चुका है। वर्तमान समय में इस ग्रुप के FMCG कारोबार का टर्नओवर1000 करोड़ रुपये से अधिक का हो गया है। इस वक्त यह कंपनी 57 से भी ज्यादा देशों में अपने प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट करती है।